असम BTC चुनाव परिणाम 2025: क्या UPPL फिर सत्ता में आएगी?

नमस्ते दोस्तों! आज हम बात कर रहे हैं असम के बोदोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) चुनावों की, जहां मतगणना का दौर चल रहा है। अगर आप असम की राजनीति में रुचि रखते हैं या बोदोलैंड क्षेत्र के विकास से जुड़े मुद्दों पर नजर रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 22 सितंबर को हुए मतदान के बाद आज, 26 सितंबर 2025 को, वोटों की गिनती हो रही है, और पूरे क्षेत्र में उत्सुकता का माहौल है। इस लेख में हम चुनाव के हर पहलू को कवर करेंगे, जिसमें मुख्य पार्टियां, उम्मीदवार, पिछले रुझान और संभावित प्रभाव शामिल हैं। चलिए, शुरू करते हैं!

चुनाव का पृष्ठभूमि और महत्व

बोदोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल असम का एक महत्वपूर्ण स्वायत्त क्षेत्र है, जो कोकराझार, चिरांग, उदलगुड़ी, बक्सा और तामुलपुर जैसे जिलों को कवर करता है। यह काउंसिल बोडो समुदाय की सांस्कृतिक, आर्थिक और प्रशासनिक जरूरतों को संबोधित करने के लिए बनाई गई है। 2025 के चुनाव में कुल 40 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें 30 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं, 5 गैरST उम्मीदवारों के लिए और बाकी 5 अनारक्षित।

इस चुनाव की खास बात यह है कि यह क्षेत्र की शांति और विकास की दिशा तय करेगा। पिछले कुछ वर्षों में बोदोलैंड क्षेत्र में शांति बहाल हुई है, और अब राजनीतिक दल जैसे यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और बोदोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) अपनीअपनी रणनीतियों के साथ मैदान में हैं। चुनाव आयोग ने 26.58 लाख मतदाताओं के लिए 3,279 मतदान केंद्र स्थापित किए थे, और मतदान शांतिपूर्ण रहा। अब मतगणना के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि कोई अनियमितता न हो।

मतगणना की प्रक्रिया और शुरुआती रुझान

मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हुई, और पहले पोस्टल बैलट्स की गिनती की गई। कोकराझार जिले में 12 सीटें हैं, जहां 100 उम्मीदवार मैदान में थेकोकराझार सबडिवीजन से 43, गोसाईगांव से 48 और पार्बतझोरा से 1। पूरे BTR में 316 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जो विभिन्न पार्टियों से जुड़े हैं। शुरुआती रुझानों में UPPL ने सालैकाटी सीट पर बढ़त बनाई है, जबकि BPF नेता हाग्रामा मोहिलारी दो सीटोंदेबरगांव और चिरांग दुआरसे चुनाव लड़ रहे हैं।

यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चल रही है। जिला आयुक्त और रिटर्निंग ऑफिसर मसंदा पर्टिन ने कहा कि केवल चुनाव एजेंटों को ही काउंटिंग सेंटर में अनुमति है, और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। अगर हम पिछले चुनावों को देखें, तो 2020 में UPPL ने 12 सीटें जीतीं, BPF ने 17, BJP ने 9, जबकि कांग्रेस और गण सुरक्षा पार्टी ने 1-1 सीट हासिल की। उस समय UPPL और BJP ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी। इस बार क्या होगा, यह देखना दिलचस्प रहेगा।

मुख्य पार्टियां और उनके वादे

चुनाव में मुख्य मुकाबला UPPL, BJP और BPF के बीच है। UPPL के अध्यक्ष प्रमोद बोरो वर्तमान BTC चीफ हैं, और उन्होंने क्षेत्र में शांति बहाली का दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने वर्षों की अशांति के बाद स्थिरता लाई है। वहीं, BJP असम की सत्ताधारी पार्टी है, और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने BTR में कई रैलियां कीं। BJP ने अपनासंकल्प पत्रजारी किया, जिसमें ओरुनोदोई योजना, महिला उद्यमिता योजना और निजुत मोइना योजना के तहत 5 लाख महिलाओं और लड़कियों को लाभ देने का वादा है। साथ ही, BTR के लोगों को संवैधानिक सुरक्षा और भूमि अधिकार प्रदान करने की बात कही गई है।

BPF, जो पहले सत्ता में थी, अब विपक्ष की भूमिका में है। हाग्रामा मोहिलारी जैसे नेता क्षेत्र की स्थानीय जरूरतों पर जोर दे रहे हैं। अन्य पार्टियां जैसे कांग्रेस, गण सुरक्षा पार्टी (GSP) और कुछ क्षेत्रीय दल भी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य टक्कर इन तीनों के बीच ही दिख रही है। चुनाव प्रचार के दौरान सरमा ने कहा कि यह चुनाव BTR के लिए एक नई यात्रा की शुरुआत करेगा, और सभी योजनाओं को यहां लागू किया जाएगा।

क्षेत्रीय मुद्दे और विकास की चुनौतियां

बोदोलैंड क्षेत्र लंबे समय से जातीय संघर्ष और विकास की कमी से जूझता रहा है। चुनाव में मुख्य मुद्दे भूमि अधिकार, संवैधानिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा शामिल हैं। UPPL ने शांति समझौते के बाद क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का दावा किया, जबकि BJP राज्य स्तर की योजनाओं को BTR तक पहुंचाने पर फोकस कर रही है। BPF स्थानीय बोडो संस्कृति और परंपराओं की रक्षा पर जोर देती है।

एक दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में कुल 326 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जो पहले से अधिक है। यह दर्शाता है कि राजनीतिक भागीदारी बढ़ रही है। मतदाताओं की संख्या भी 26 लाख से ज्यादा है, जो क्षेत्र की जनसंख्या की विविधता को दिखाती है। विकास की बात करें, तो BTR में स्वास्थ्य, परिवहन और बुनियादी ढांचे पर काम की जरूरत है। चुनाव परिणाम इन मुद्दों पर नई नीतियां ला सकते हैं।

पिछले चुनावों से सबक और भविष्य की संभावनाएं

2020 के चुनावों में UPPLBJP गठबंधन ने सरकार बनाई, और प्रमोद बोरो चीफ बने। उस समय BPF सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन कई सदस्यों के पाला बदलने से उसकी ताकत कम हुई। इस बार BJP ने 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, UPPL ने 40 पर, BPF ने 40 पर, जबकि कांग्रेस ने भी 40 पर दांव लगाया। गण सुरक्षा पार्टी ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा।

भविष्य में, अगर UPPL फिर सत्ता में आती है, तो शांति और विकास पर फोकस जारी रहेगा। BJP की जीत से राज्य सरकार के साथ बेहतर समन्वय हो सकता है। BPF की वापसी स्थानीय मुद्दों को मजबूती देगी। कुल मिलाकर, यह चुनाव असम की राजनीति पर भी असर डालेगा, क्योंकि BTR एक रणनीतिक क्षेत्र है।

निष्कर्ष: क्या होगा परिणाम?

जैसेजैसे मतगणना आगे बढ़ेगी, रुझान स्पष्ट होंगे। फिलहाल, UPPL कुछ सीटों पर आगे चल रही है, लेकिन अंतिम परिणाम शाम तक आएंगे। यह चुनाव न केवल बोदोलैंड की दिशा तय करेगा, बल्कि असम की राजनीतिक गतिशीलता को भी प्रभावित करेगा। अगर आप और अपडेट्स चाहते हैं, तो हमारी साइट पर बने रहें। क्या आपको लगता है कि UPPL फिर जीतेगी? कमेंट में बताएं!

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित है। यह केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और किसी भी प्रकार की सलाह या पुष्टि नहीं माना जाना चाहिए। कृपया आधिकारिक स्रोतों 

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