
स्क्रीन से आज़ादी? $99 वाले AI Plush Toys की असली सच्चाई
बच्चों के लिए स्क्रीन–फ्री खेल का वादा करने वाले AI plush toys अब बाज़ार में दस्तक दे चुके हैं। कैलिफ़ोर्निया की एक स्टार्ट–अप कंपनी ने हाल ही में Grem, Grok और Gaboo नाम के मुलायम खिलौने लॉन्च किए हैं। इनकी ख़ासियत है कि ये AI technology से लैस हैं और बच्चों से बात कर सकते हैं। इनकी कीमत लगभग $99 (करीब 8,000 रुपये) रखी गई है।
क्या हैं ये AI plush toys?
इन Curio plush toys में एक Wi-Fi सक्षम वॉयस–बॉक्स लगा होता है, जो सीधे AI से जुड़ा रहता है। बच्चा जब भी इनसे कुछ पूछता है, तो यह खिलौना तुरंत जवाब देता है। कंपनी का दावा है कि यह बच्चों के लिए एक ‘AI sidekick’ साबित होगा, जो उन्हें कहानियाँ सुनाएगा, गेम खेलवाएगा और दोस्त की तरह बातें करेगा।
Screen-Free Play या बस नया जाल?
कंपनी का कहना है कि ये खिलौने बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करेंगे। यानी मोबाइल और टैबलेट पर घंटों बिताने के बजाय बच्चा मुलायम खिलौने के साथ खेलते हुए सीख सकेगा। लेकिन सवाल यह उठता है—क्या वास्तव में यह screen-free play है? जब खिलौना खुद AI के ज़रिये हर जवाब तैयार कर रहा है, तो क्या यह भी किसी डिजिटल स्क्रीन का ही विस्तार नहीं है?
AI Sidekick का असर
बच्चों की कल्पना और खेल हमेशा खुली सोच पर टिका होता है—जैसे मिट्टी, ब्लॉक्स या रंगों से खेलना। लेकिन जब हर सवाल का तैयार जवाब एक AI sidekick दे देगा, तो बच्चे की सोच और कल्पना कितनी स्वतंत्र रह पाएगी? कई विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे खिलौने बच्चों को अपनी कल्पना से ज़्यादा मशीन पर निर्भर बना सकते हैं।
पहले भी हो चुका है प्रयोग
AI आधारित खिलौनों का इतिहास नया नहीं है। कुछ साल पहले “Hello Barbie” नाम का स्मार्ट टॉय लॉन्च हुआ था, जो बच्चों से बातचीत करता था। लेकिन सुरक्षा और प्राइवेसी चिंताओं की वजह से उसे बाज़ार से हटाना पड़ा। यही डर आज इन नए AI plush toys को लेकर भी जताया जा रहा है।
Play Quotient का सवाल
बच्चों की मनोविज्ञान पर काम करने वाले शोध बताते हैं कि ज़्यादातर स्मार्ट खिलौनों का play quotient यानी खेलने की क्षमता कम होती है। शुरू–शुरू में बच्चा उत्साहित रहता है, लेकिन जल्द ही उनकी रुचि खत्म हो जाती है। दूसरी तरफ़ साधारण खिलौने जैसे ब्लॉक्स, गिल्ली–डंडा या रंग बच्चों की कल्पना को ज़्यादा बढ़ाते हैं।
सुरक्षा और गोपनीयता
सबसे बड़ी चिंता है इन खिलौनों की सुरक्षा और बच्चों की child privacy। चूंकि ये इंटरनेट से जुड़े होते हैं, इसलिए इनके हैक होने या डेटा लीक होने का खतरा बना रहता है। कई मामलों में स्मार्ट खिलौनों से बच्चों की निजी बातें रिकॉर्ड होने और बाहर जाने की आशंका भी जताई गई है।
माता-पिता के लिए सबक
माता–पिता को यह समझना होगा कि तकनीक बच्चों के लिए मददगार हो सकती है, लेकिन हर बार सही विकल्प नहीं होती। Curio plush toys जैसे AI plush toys बच्चों का मनोरंजन तो कर सकते हैं, लेकिन क्या ये वास्तव में उनकी कल्पना और रचनात्मकता को बढ़ाएंगे, यह सवाल अभी भी बरकरार है।
निष्कर्ष
$99 की कीमत वाले ये नए–नवेले खिलौने देखने में जितने प्यारे हैं, उतने ही सवाल भी खड़े करते हैं। क्या ये बच्चों के लिए सुरक्षित हैं? क्या ये उनकी कल्पना को दबा देंगे? और क्या यह सचमुच स्क्रीन–फ्री खेल का विकल्प बन सकते हैं? फिलहाल, इसका जवाब समय ही देगा।
Disclaimer
यह लेख मूल समाचार पर आधारित एक पुनर्लिखित संस्करण है।