छोटे कॉन्फेक्शनरी मालिक को मिला ₹141 करोड़ का आयकर नोटिस, खुला दस्तावेजों के फर्जी उपयोग का रहस्य

परिचय

मीरट के पास बुलंदशहर के एक छोटे कॉन्फेक्शनरी मालिक को आयकर विभाग की ओर से 141 करोड़ का नोटिस मिलना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। यह नोटिस छह फर्मों के नाम जुड़ा है, जो कथित रूप से उसके नाम पर दिल्ली में रजिस्टर्ड हैं। लेकिन मालिक का दावा है कि ये सब फर्जी दस्तावेजों से किया गया है और उसका इन फर्मों से कोई संबंध नहीं है। इस लेख में इस दिलचस्प और गंभीर मामले की पूरी जानकारी विस्तार से दी गई है।

आयकर नोटिस की कहानी: 141 करोड़ की मांग

2025 में आयकर विभाग ने बुलंदशहर के एक छोटे कॉन्फेक्शनरी मालिक सुधीर कुमार को एक भारीभरकम नोटिस जारी किया। यह 1,41,38,47,126 के कारोबार के विवरण की मांग था, जो वित्तीय वर्षों 2021-23 से जुड़ा था। नोटिस छह फर्मों के खिलाफ था, जो दिल्ली में रजिस्टर्ड बताए गए हैं। सुधीर कुमार ने साफ किया कि ये फर्में उनके बिना किसी जानकारी के बनाई गई थीं।

फर्जी कंपनियों का रहस्य और दस्तावेजों का दुरुपयोग

सुधीर कुमार का कहना है कि उसके आधार और पैन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया। 2022 में उसके नाम पर फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड की गईं, जिनसे उसका कोई लेनादेना नहीं। उसने बताया, “अगर मेरे दस्तावेजों का उपयोग कुछ गलत में हो रहा होता, तो मुझे ओटीपी मिलना चाहिए था, जो कभी नहीं आया। इससे मुझे कैसे पता चलता कि मेरा दुरुपयोग हो रहा है।

पुलिस की कार्रवाई और FIR दर्ज

जब इस मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, तो पहले शिकायत दर्ज करने में पुलिस ने आनाकानी की, यह कहते हुए कि यह मामला आयकर विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। लेकिन बाद में, बुलंदशहर के SSP दिनेश कुमार सिंह ने इस मामले में FIR दर्ज कराए। FIR सेक्शन 318 (धोखाधड़ी) के हिसाब से दर्ज हुई है और जांच जारी है।

जांच की स्थिति और आगे की राह

पुलिस अब इस बात की तहकीकात कर रही है कि कैसे सुधीर कुमार के दस्तावेजों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर फर्जी फर्में रजिस्टर्ड हुईं। जांच में उन सभी लोगों का पता लगाने की कोशिश हो रही है जो इस धोखाधड़ी के पीछे हैं। सुधीर कुमार ने भी आयकर विभाग के पोर्टल पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है।

निष्कर्ष

यह मामला दस्तावेजों के दुरुपयोग और ऑनलाइन धोखाधड़ी की गंभीरता को उजागर करता है। छोटे व्यवसायी सुधीर कुमार की मासूमियत पर एक बड़ा संकट आया है, जो दर्शाता है कि लोगों को ऐसे धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना कितना जरूरी है। सरकार और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों की शीघ्र और निष्पक्ष जांच करें।

Disclaimer

यह जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित है और केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है।

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